3/17/20

अब वैज्ञानिक ने कहा कोरोना में कारगर हो सकता है गोमूत्र

15 सालों से गोमूत्र पर शोध कर रहीं पंतनगर विवि की कीट वैज्ञानिक डॉ. रुचिरा तिवारी ने भी गोमूत्र से कोरोनावायरस के इलाज की संभावना जताते हुए इसमें शोध की जरूरत पर बल दिया है। बताया कि गोमूत्र मल्टीपर्पज इफेक्ट के रूप में काम करता है।   


डॉ. रुचिरा ने कहा कि गोमूत्र वायरस और फंगस से निपटने में कारगर है। जब गोमूत्र के छिड़काव से मधुमक्खियों में हुए वायरस अटैक को खत्म किया जा सकता है तो गोमूत्र की विशेषताओं पर शोध करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से लड़ने में यह कितना कारगर साबित होगा, अभी यह कह पाना मुश्किल है लेकिन तय है कि गोमूत्र इंसानों के लिए फायदेमंद है। इसके लिए शोध की आवश्यकता है।
सीमा पर 220 लोगों की जांच

अल्मोड़ा से स्वास्थ्य विभाग की टीम में डॉ. लक्ष्य, डॉ. आतिश टम्टा, डॉ. पूरन थलाल, फार्मासिस्ट गजेंद्र भोगिया, पंकज कुमार और सुंदर बोनाल ने 110 लोगों की थर्मामीटर से जांच की।

बलुवाकोट झूलापुल में डॉ. राकेश खाती, फार्मासिस्ट भुवन चंद भट्ट की टीम ने 50 और जौलजीबी में डॉ. रमेश गर्ब्याल, फार्मासिस्ट दीपक भट्ट की टीम ने 60 लोगों का परीक्षण कर कोरोनावायरस की जानकारी दी।

कोरोनावायरस के चलते अब तक तीनों झूलापुलों पर दोनों देशों से आवाजाही कर रहे तीन हजार से ज्यादा लोगों का परीक्षण कर जानकारी दी गई है।

‘कोरोना वायरस की मार से फार्मा इंडस्ट्री भी प्रभावित’

चीन में फैले कोरोना वायरस का असर सेलाकुई की फार्मा इंडस्ट्री में भी दिखने लगा है। कोरोना के कारण केंद्र सरकार ने कुछ सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) और फॉर्मुलेशंस के आयात पर रोक लगा दी है। इससे औद्योगिक इकाइयों को उक्त औषधि सामग्री महंगे दाम पर अन्य देशों से आयात करनी पड़ रही है। इस कारण दवा कंपनियों को बीते माह करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
ये बातें वक्ताओं ने सेलाकुई इंडस्ट्री एरिया स्थित ईस्ट अफ्रीकन (इंडिया) ओवरसीज कंपनी में राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम के दौरान कंपनी कर्मचारियों ने सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की प्रतिज्ञा ली।
सेलाकुई फार्मा इंडस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और कंपनी के प्लांट हेड जितेंद्र कुमार ने कहा कि फार्मा इंडस्ट्री में करीब 14 प्रतिशत औषधि सामग्री ऐसी हैं, जिसे चीन से आयात किया जाता था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

सेलाकुई में स्थापित हैं 40 दवा कंपनियां

उन्होंने कहा कि सरकार ने दवाओं के निर्यात पर भी रोक लगा दी है। यदि इस ओर शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए तो फार्मा इंडस्ट्री धरातल पर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि बीमारियां राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था को दुर्लभ बनाती हैं।
इस मौके पर अभिषेक, कपिल राठी, राजेश ठाकुर, विनीत कुमार, मोनिका नेगी, स्मिता पांडेय, जगदीश जिंदल, सुनील सिंह, संतोष पुरी, अभिषेक चौबे, जितेंद्र, रामनिवास, आशीष, प्रताप शर्मा आदि मौजूद रहे।
औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई स्थित फार्मासिटी में करीब 40 दवा कंपनियां ऐसी हैं जो बड़े पैमाने पर दवाइयों का आयात और निर्यात करती हैं। इन दवा कंपनियों में कई नामी कंपनियां भी शामिल हैं, लेकिन बीते माह कोरोना वायरस को लेकर खड़े हुए संकट के बाद इन 40 कंपनियों के व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कई कंपनियां घाटे में चल रही हैं।

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