Trick – नमस्कार दोस्तो, आज हम एक ऐसी Simple सी Trick बताने जा रहे है जिससे कि आपको आसानी से संसद के संयुक्त अधिवेशन ( Joint Session of Parliament ) के बारे में जानकारी होगी कि किन-किन मामलों में संयुक्त अधिवेशन (Joint Session) हुआ है ! तो इससे पहले हम आपको ये Trick बतायें उससे पहले हम आपको संयुक्त अधिवेशन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बताऐंगे
संसद के संयुक्त अधिवेशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी (Joint Session of Parliament in India) –
- संविधान के अनुच्छेद 108 के अनुसार यदि किसी विषय पर दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो जाता है तो राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन बुलाने का प्रावधान है !
- संविधान के अनुच्छेद 118 के अनुसार संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा के स्पीकर (अध्यक्ष) द्वारा की जाती है ! यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित रहता है तो लोकसभा उपाध्यक्ष द्वारा की जाती है और दोनों के अनुपस्थित रहने पर राज्यसभा के उपसभापति द्वारा की जाती है ! याद रखें की राज्यसभा का सभापति (उपराष्ट्रपति) कभी भी संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता नहीं करता क्योंकि वो दोनों में से किसी भी सदन का सदस्य नही होता !
- अभी तक केवल 3 बार संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाया गया है !
1. 1961 में दहेज प्रतिबंध विधेयक के लिए पं, जवाहरलाल नहेरू के समय
2. 1978 में बैकिंग सेवा आयोग विधेयक के लिए मोरारजी देसाई के समय
3. 2002 में आतंकवाद निवारक विधेयेक (पोटा) अटलबिहारी वाजपेयी के समय
तो चलिये दोस्तो नीचे हम आपको ऐसी GK Trick बताऐंगे जिससे कि आप इन तीनों संयुक्त अधिवेशन याद रख पाऐंगे वो भी क्रम से !
संयुक्त अधिवेशन का आयोजन (क्रमश:)
Trick –
दहेज बैंक में पिटा
Explanation –
दहेज – दहेज विरोधी अधिनियम (1961)
बैंक – बैकिंग सेवा आयोग विधेयक (1978)
पिटा – पोटा (आतंकवाद विरोधी विधेयक) (2002)
तो दोस्तो उम्मीद है कि ये आपको बहुत अच्छे से याद हो गये होंगे !
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