1-दिल्ली में लोकसभा सचिवालय का शुरू होगा काम
लोकसभा सचिवालय सोमवार से कामकाज शुरू करेगा जो कोविड-19 के मद्देनजर मार्च के अंतिम सप्ताह से बंद था।
आधिकारिक आदेश से यह जानकारी प्राप्त हुई है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों 24 मार्च से बंद कर दिये गए थे जब दोनों सदनों का कामकाज अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया गया था। संसद का बजट सत्र 3 अप्रैल को समाप्त होना था लेकिन इसकी कार्यवाही निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दी गई थी ।
लोकसभा सचिवालय के अधिकारिक आदेश के अनुसार, यह सोमवार से काम करना शुरू कर देगा और सभी संयुक्त सचिव स्तर और उसके ऊपर के अधिकारी कार्यालय से काम करेंगे। इनके अलावा अन्य अधिकारी बारी बारी से काम करेंगे। आदेश में आगे कहा गया है कि कार्यालय से काम करते हुए सचिवालय के कर्मचारी सामाजिक दूरी की व्यवस्था का पालन करेंगे। ई-कार्यालय में फाइल इलेक्ट्रानिक माध्यम से भेजे जायेंगे । इसमें अपवाद लोकसभा अध्यक्ष के विचारार्थ अत्यावश्यक फाइलें हो सकती है
2-महाराष्ट्र में ग्रीन और ऑरेंज जोन में उद्योगों को कामकाज बहाल की अनुमति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के संबंध में चिह्नित किए गए 'ग्रीन और 'ऑरेंज जोन में उद्योगों को नियंत्रित तरीके से कामकाज बहाल करने की अनुमति दी जाएगी। एक वीडियो संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान अपने कामगारों को आवास की सुविधा मुहैया कराने वाले उद्योगों को राज्य से अनाज की आपूर्ति की जाएगी और कच्चे माल की अनुमति दी जाएगी।
ठाकरे के इस आदेश के बाद महाराष्ट्र में ग्रीन और ऑरेंज क्षेत्रों के उद्योगों को नियंत्रित तरीके से उत्पादन और प्रसंस्करण की गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी जा रही है। उद्योगों को अपने कामगारों के लिए रहने की व्यवस्था करनी होगी। वे काम के लिए लंबी दूरी की यात्रा नहीं करेंगे। 'ग्रीन जोन में वे क्षेत्र आते हैं जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि 'ऑरेंज जोन में वे क्षेत्र आते हैं जहां कम मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आवश्यक सेवाओं की आवाजाही के अलावा सभी जिलों की सीमाएं सील रहेंगी। उन्होंने कहा, ''कृषि उपज और कृषि उपकरणों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है। सभी आवश्यक वस्तुओं को लॉकडाउन पाबंदियों से मुक्त रखा जाएगा।'' मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी।
3-बिहार में लॉकडाउन में कुछ छूट के साथ शुरू होंगे कई काम, हाईवे पर खुलेंगे ढाबे- रेस्टोरेंट
बिहार में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ छूट के साथ रोजगार से जुड़े कई कार्य शुरू होने जा रहे हैं, जिनमें मनरेगा से लेकर सरकारी विभागों के काम शामिल हैं। राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुरू होने के साथ ही राज्य सरकार के सभी विभागों और कार्यालयों में भी काम शुरू होने जा रहा। इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक वर्ग क और ख के सभी पदाधिकारी प्रतिदिन कार्यालय में आएंगे। वहीं वर्ग ग और इसके नीचे के तथा संविदा कर्मी एक तिहाई की संख्या में कार्यालय आएंगे।
बिहार में सोमवार से मनरेगा के तहत काम शुरू कर दिए जाएंगे ताकि मजदूरों को रोजगार मिल सके। बाहर से आए मजदूरों को भी मनरेगा से लिंक करने का निर्देश उन्होंने दिया है। इसके अलावा 7 निश्चय के कार्यक्रम- हर घर नल का जल, पक्की गली-नालियॉ, शौचालय का निर्माण, तालाबों/पोखरों का जीर्णोद्धार कार्य शुरू करने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए हैं। इसी प्रकार मुख्य और ग्रामीण सड़कें, पुल-पुलिया आदि निर्माण कार्य भी शुरू किए जाएंगे। बाढ़ नियंत्रण कार्य के तहत तटबंधों आदि के मरम्मत कार्य भी शुरू होंगे। जमीन की रजिस्ट्री का काम भी शुरू हो जाएगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों तथा औद्योगित क्षेत्र के यूनिट चालू करने की अनुमति दी गई है। जूट उद्योग, सीमेंट, अलकतरा, माइनिंग के उद्योग, ऑयल गैस रिफाइनरी और खाध्य प्रसंस्करण उद्योग की शुरुआत होगी। इसको लेकर संबंधित विभागों द्वारा भी आदेश जारी किया गया है। उद्योग विभाग राज्य में पहले से चल रहे 3 हजार उद्योगों को भी शुरू करने की तैयारी में है।
बिहार में लॉकडाउन में माल वाहक वाहनों का सुगमता से परिचालन हो सके, इसको लेकर राज्य सरकार ने एनएच और एसएच पर ढाबे और रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति दी है। हर 15 किलोमीटर पर एक ढाबे-रेस्टूरेंट खोलने की अनुमति है, ताकि मालवाहक वाहनों को चलाने वाले और उसके सहायक को भोजन आदि की दिक्कत नहीं हो। राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया गया है कि मालवाहक वाहनों की मरम्मति के लिए गैरेज और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें भी खुलेंगी। निर्माण कार्य में लगने वाले बालू, गिट्टी और सीमेंट की आपूर्ति की व्यवस्था सरकार कर रही है।
4-यूपी में सीएम योगी ने जिलों में कुछ गतिविधियों का जिम्मा डीएम पर छोड़ा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के दौरान जिलों में कुछ गतिविधियों को शुरू करने का जिम्मा डीएम पर छोड़ दिया है। साथ ही आगाह किया है कि कोरोना संक्रमण वाले 19 संवेदनशील जिलों में, जहां 10 या उससे ज्यादा संक्रमित हैं, पूरी सजगता व सतर्कता के साथ फैसला किया जाए। इन गतिविधियों में उद्योग, निर्माण कार्य, एक्सप्रेस वे व हाईवे निर्माण जैसे काम भी शामिल हैं।
जिला स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, डीआईजी, आईजी, एडीजी, एसपी, एसएसपी, जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी, उद्यमी आदि परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें। भीड़ व अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए। शासन द्वारा किसानों की उपज को क्रय केन्द्रों के अलावा, उनके खेतों पर भी खरीदने की व्यवस्था की जाए।
5-सीएम केजरीवाल का आदेश, दिल्ली में फिलहाल राहत नहीं, 27 अप्रैल को होगी समीक्षा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह जारी लॉकडाउन में कम से कम एक सप्ताह तक राहत नहीं देगी क्योंकि फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार थमा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लोगों का जीवन बचाने के उद्देश्य से किया गया है। केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हाल में जो 736 नमूने एकत्रित किए गए, उनमें से 186 लोगों में शनिवार को संक्रमण की पुष्टि हुई और इनमें से किसी में लक्षण नजर नहीं आ रहे थे। इन लोगों को भी पता नहीं था कि वे वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने जब उनमें से एक से बात की तो उसने कहा कि वह लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा चलाए जा रहे खाद्य केंद्र पर भोजन देने का काम कर रहा था। मैंने उस केंद्र पर गए सभी लोगों की त्वरित जांच के आदेश दिए। हम पूरे शहर में सरकार संचालित केंद्रों में भोजन वितरित करने का काम कर रहे सभी लोगों की त्वरित जांच भी कराएंगे।” उन्होंने इससे पहले कहा था कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में करीब 10 लाख लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध करा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और सरकार एक हफ्ते बाद फिर से स्थिति का आकलन करेगी। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक सरकार 27 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करेगी।
6-तमिलनाडु में समिति की रिपोर्ट पर विचार के बाद पाबंदियों में ढील देने पर फैसला
लॉकडाउन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश सोमवार से लागू होने के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार राज्य में कुछ उद्योगों को पाबंदियों से ढील देने पर फैसला कर सकती है। यह फैसला एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद लिया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि रिपोर्ट सोमवार को आने की संभावना है और कोई फैसला लिए जाने तक मौजूदा पाबंदियां लागू रहेंगी। उसने रविवार को बताया कि केंद्र ने 15 अप्रैल को बंद के दूसरे चरण के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी करते हुए राज्यों से उद्योगों और अन्य सेवाओं के कामकाज पर फैसला लेने के लिए कहा था इसके बाद समिति का गठन किया गया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समिति सोमवार को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी जो इस पर विचार करने के बाद पाबंदियों में ढील देने पर फैसला लेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है, ''पाबंदियां तब तक जारी रहेंगी जब तक सरकार आदेश जारी न करे।
7-कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस लॉकडाउन 21 अप्रैल की मध्यरात्रि तक बढ़ाया
कर्नाटक सरकार ने गृह मंत्रालय द्वारा लागू लॉकडाउन को 21 अप्रैल मध्यरात्रि तक बढ़ाने के लिये रविवार को नये आदेश जारी किए।सूत्रों ने कहा कि सरकार 21 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में छूट देने पर विचार कर रही है और सोमवार को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसपर चर्चा हो सकती है। सरकार के आदेश में कहा गया है कि मुख्य सचिव टी एम विजय भास्कर ने राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से सभी विभागों, जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये राज्य में अमल में लाए जा रहे उपायों को जारी रखें। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश जारी किए थे कि 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखा जाए। हालांकि मंत्रालय ने जनता की मुश्किलों को कम करने के इरादे से दिशा-निर्देशों के अनुसार 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों का चुनाव करने की अनुमति दी है।
8-पंजाब सरकार तीन मई तक कर्फ्यू में कोई ढील नहीं देगी, केवल गेहूं की खरीद होगी
पंजाब सरकार ने रविवार को कहा कि वह तीन मई तक गेंहू की खरीद को छोड़ कर कर्फ्यू में और कोई छूट नहीं देगी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उभरे हालात को लेकर प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की।
एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने रविवार शाम कर्फ्यू में तीन मई तक किसी भी तरह की ढील देने से इंकार कर दिया, जबकि केवल गेंहू की खरीद को अनुमति दी गई। सिंह तीन मई को फिर से हालात का जायजा लेंगे। इस फैसले के साथ ही 20 अप्रैल से दी गई सभी तरह की छूट को वापस ले लिया गया है। इससे पहले, दिन में ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योगों, किताब की दुकानों, ढाबों, एयर कंडीशनर का काम करने वाले दुकानदारों के साथ ही सोमवार से निर्माण संबंधित गतिविधियों के तौर पर रेत और बजरी खनन तथा 'स्टोन क्रशिंग को अनुमति दी गई थी।
9- राजस्थान सरकार ने 33 प्रतिशत कार्मिकों को बारी-बारी के आधार पर बुलाने के निर्णय को फिलहाल टाला
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्यालयों में 20 अप्रैल से 33 प्रतिशत कार्मिकों को बारी-बारी के आधार पर बुलाने के निर्णय को फिलहाल टाल दिया गया है, अभी केवल सचिव, विभागाध्यक्ष और उप सचिव स्तर के अधिकारी एवं उनका निजी स्टाफ ही दफ्तर आएंगे। मुख्यमंत्री के अनुसार आगे इस संबंध में चरणबद्ध रूप से निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संशोधितड लॉकडाउन में नगरपालिका के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग शुरू हो सकेंगे तथा शहरी क्षेत्रों में उन्हीं उद्योगों को सीमित छूट दी गई है, जिनमें श्रमिकों को फैक्ट्री में रखने की उचित व्यवस्था उपलब्ध है। गहलोत ने कहा कि आवश्यक सेवाओं के लिए पूर्व में जो पास जारी किए गए हैं, वे आगे भी मान्य होंगे। नए ई-पास ऑनलाइन बनाए जाएंगे।
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